Monday, January 8, 2018

Zaroori nahin

तुझसे मिलते रहने के लिए मुलाक़ात ज़रूरी नहीं।
यूँही ख्वाबों में बहने के लिए हक़ीकत ज़रूरी नहीं...

हर मौसम गुज़रा है तेरे बगैर भी तेरे साथ ही।
राधा बनु या मीरा, इंतज़ार का अंत ज़रूरी नही...

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