Jaise samundar ki tasweer dekh kar
uski vyapti aur gahrayi ki
bas ummeed kar sakte hain...
magar mahsus nahin...
waise hi tumse rubaru hone se pahle
bas tumhari aas thi...andaza nahin..
Saturday, February 19, 2011
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ढाई सदी..
मुझे पता है तुम्हारी बालकॉनी से समंदर दिखता है... तुम हर खुशी के मौके पे दौड़के आते हो वहां; कभी कभी रोने भी... कभी चाहनेवालों को हाथ ह...
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तेरे इश्क़ ने ही मशहूर किया है, नाम छुपाने पे मजबूर किया है। दिल की क्या औकात थी पहले, मोहब्बत ने ही मग़रूर किया है। कोई और लत क्या लगेगी ...
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तेरी पेशानी पे चिराग़ जले, न बुझे आस कोई ख़ाक तले। जब दुनिया में कोई लफ्ज़ न हो, तेरे पन्नों पे कोई बात चले... तेरी खुशियां भी तेरे साथ च...