Tuesday, March 21, 2017

"Saaye se peechha chudane 
ki koshish mein aksar wajood 
chhoot jata hai..."



"साये से पीछा छुड़ाने की कोशिश 
में अक्सर वजूद छूट जाता है..."

ढाई सदी..

मुझे पता है तुम्हारी बालकॉनी से समंदर दिखता है... तुम हर खुशी के मौके पे दौड़के आते हो वहां; कभी कभी रोने भी... कभी चाहनेवालों को हाथ ह...