Thursday, December 21, 2006

yaaddaasht

Saath bitaya hua pal lauta de,
woh guzra hua kal lauta de,
mujhhse meri yaaddaasht chhin le,
ye phir kisi ki yaaddaasht lauta de....

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ढाई सदी..

मुझे पता है तुम्हारी बालकॉनी से समंदर दिखता है... तुम हर खुशी के मौके पे दौड़के आते हो वहां; कभी कभी रोने भी... कभी चाहनेवालों को हाथ ह...