Monday, September 17, 2012

khushnaseeb hoon ab bhi...

Is baar ki bimari kahin jaan na le le yaraa,
Ab bhi kuch log bepanah chahte hain hume...

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ढाई सदी..

मुझे पता है तुम्हारी बालकॉनी से समंदर दिखता है... तुम हर खुशी के मौके पे दौड़के आते हो वहां; कभी कभी रोने भी... कभी चाहनेवालों को हाथ ह...