Tuesday, June 19, 2012

Mayus ho jaati hoon jab bhi,
Dil ki kaliyan murjha jati hai,
use raund kar chale jate ho,
khushboo bhi gum ho jati hai...

Tumne na samjhi wo baatein
jo bin bole samjhi jaati hai.
Hansi ab ankhon taq nahi khilti,
Honton par khatm ho jati hai...

मायूस हो जाती हूँ जब भी,
दिलकी कलियाँ मुर्झा जाती हे. 
उसे रौंद कर चले जाते हो,
खुशबु भी ग़ुम हो जाती है.

तुमने न समझी वो बातें जो 
बीन बोले समझी जाती है. 
हसी अब आँखों तक नहीं खिलती,
होंटो पर ख़त्म हो जाती है. 



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